vastu for home : इस बात का रखे ख्याल नहीं तो घर में आएगी गरीबी ? घर में गरीबी क्यों आती है?

vastu for home : इस बात का रखे ख्याल नहीं तो घर में आएगी गरीबी ? घर में गरीबी क्यों आती है?

Vastu tips in hindi :

वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो भवन निर्माण और डिजाइन के माध्यम से जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा लाने का काम करता है। यहाँ घर के विभिन्न हिस्सों के लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स दिए गए हैं:

1. मुख्य द्वार (Main Entrance)

  • मुख्य द्वार को घर की सबसे महत्वपूर्ण जगह माना जाता है क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को घर में लाता है।
  • उत्तम दिशा: मुख्य द्वार के लिए उत्तर, पूर्व, या उत्तर-पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है।
  • परहेज करें: दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार रखने से बचें।
  • द्वार अंदर की ओर खुलना चाहिए और इसे हमेशा साफ व रोशनी से युक्त रखें।

2. ड्रॉइंग रूम (Living Room)

  • ड्रॉइंग रूम घर के उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • फर्नीचर को पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखें, और बैठते समय लोग उत्तर या पूर्व की ओर मुख करें।
  • कमरे को साफ और अव्यवस्थित न रखें ताकि सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित हो सके।

3. शयनकक्ष (Bedroom)

  • मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए।
  • बिस्तर का सिरहाना दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए ताकि नींद अच्छी हो।
  • बिस्तर के सामने शीशा नहीं होना चाहिए क्योंकि यह मानसिक शांति को प्रभावित करता है।

4. रसोई (Kitchen)

  • रसोईघर के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है, क्योंकि यह अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है।
  • खाना बनाते समय व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  • उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रसोईघर न बनाएं।

5. स्नानघर/शौचालय (Bathroom/Toilet)

  • स्नानघर और शौचालय को उत्तर-पश्चिम या पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए।
  • उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में शौचालय बनाने से बचें।
  • शौचालय में उचित वेंटिलेशन और स्वच्छता का ध्यान रखें ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

6. पूजा कक्ष (Pooja Room)

  • पूजा कक्ष के लिए सबसे शुभ स्थान उत्तर-पूर्व कोना होता है।
  • पूजा करते समय व्यक्ति का मुख उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए।
  • पूजा कक्ष को शयनकक्ष या सीढ़ियों के नीचे न बनाएं।

7. सीढ़ियां (Staircase)

  • सीढ़ियों को दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना उचित होता है।
  • सीढ़ियों को घर के बीच या उत्तर-पूर्व हिस्से में बनाने से बचें।
  • सीढ़ियों में हमेशा विषम (Odd) संख्या में सीढ़ियाँ होनी चाहिए।

8. रंग (Colors)

  • उत्तर-पूर्व दिशा के कमरों में हल्के रंग जैसे पीला, क्रीम या सफेद रंग उपयोग करें ताकि सकारात्मकता बनी रहे।
  • दक्षिण-पश्चिम दिशा के कमरों में गहरे रंग जैसे भूरा, ग्रे, या बेज रंग अच्छे माने जाते हैं।
  • घर में अत्यधिक लाल या काले रंग का उपयोग करने से बचें, यह अशुभ माना जाता है।

9. खिड़कियाँ और वेंटिलेशन (Windows and Ventilation)

  • घर में उचित वेंटिलेशन और प्राकृतिक रोशनी का होना आवश्यक है।
  • खिड़कियाँ उत्तर या पूर्व दिशा में खुलनी चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश कर सके।

10. पौधे (Plants)

  • दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिशा में पेड़ लगाना स्थिरता लाता है।
  • घर के अंदर काँटेदार पौधे जैसे कैक्टस रखने से बचें।
  • तुलसी का पौधा उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना बहुत शुभ माना जाता है।

घर में गरीबी क्यों आती है?

घर में गरीबी या आर्थिक तंगी कई कारणों से आ सकती है, जिनमें बाहरी और आंतरिक दोनों पहलू शामिल होते हैं। कई बार वास्तु दोष, गलत आदतें, या नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव भी आर्थिक संकट का कारण बन सकता है। यहाँ कुछ प्रमुख कारण बताए गए हैं जो घर में गरीबी का कारण बन सकते हैं:

1. वास्तु दोष (Vastu Dosh)

  • मुख्य द्वार की दिशा: अगर घर का मुख्य द्वार गलत दिशा में होता है, खासकर दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में, तो इससे आर्थिक समस्याएँ आ सकती हैं।
  • रसोई का गलत स्थान: रसोई घर अगर उत्तर-पूर्व दिशा में हो या आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में न हो, तो इससे घर में धन की कमी होती है।
  • टॉयलेट की दिशा: यदि शौचालय उत्तर-पूर्व दिशा में हो, तो यह नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है, जिससे घर में धन हानि हो सकती है।
  • तिजोरी की दिशा: घर में तिजोरी या धन रखने का स्थान यदि दक्षिण या पश्चिम दिशा में होता है, तो धन कमाने के बावजूद उसका स्थायित्व नहीं रहता।

2. नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy)

  • अव्यवस्थित घर: घर में अगर गंदगी, अव्यवस्था, और पुरानी, बेकार चीजें पड़ी रहती हैं, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है, जो आर्थिक तंगी का कारण बन सकती है।
  • टूटे हुए सामान: घर में टूटे हुए बर्तन, शीशे या टूटी वस्तुएँ रखना नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और आर्थिक प्रगति में बाधा डालता है।
  • मुख्य द्वार पर रुकावट: अगर मुख्य द्वार के सामने कोई अवरोध या रुकावट होती है, तो यह धन आगमन में रुकावट पैदा करता है।

3. गलत आदतें (Bad Habits)

  • फिजूलखर्ची: बगैर सोचे-समझे धन खर्च करना और बचत न करना भी गरीबी का कारण हो सकता है।
  • अनुशासनहीनता: धन के प्रति लापरवाही, अनुशासनहीनता और बिना योजना के खर्च करना आर्थिक संकट की स्थिति पैदा कर सकता है।
  • कर्ज का बोझ: बेमतलब के कर्ज लेना और उसे समय पर चुकाने में असमर्थता भी आर्थिक तंगी का बड़ा कारण है।

4. अनुचित कार्य या कर्म (Improper Actions)

  • अन्यायपूर्ण तरीके से धन अर्जन: अगर धन गलत या अनैतिक तरीकों से कमाया जाता है, तो वह स्थायी नहीं रहता। यह न केवल आर्थिक संकट लाता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति को भी नष्ट करता है।
  • दान-पुण्य में कमी: अपने धन का सही उपयोग न करना और जरूरतमंदों की मदद न करना भी आर्थिक संकट का कारण बन सकता है। धन का एक हिस्सा दान-पुण्य में लगाना चाहिए।

5. पारिवारिक कलह (Family Disputes)

  • परिवार में कलह: घर में लगातार झगड़े, तनाव और अनबन रहने से भी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है, जो धन की हानि का कारण बन सकता है।
  • असंतोष और शिकायतें: परिवार के सदस्यों के बीच संतोष और सहयोग की कमी भी आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकती है।

6. बुरी संगत और आदतें (Bad Company and Habits)

  • नशा और गलत संगत: अगर घर के किसी सदस्य को नशे की लत है या वह गलत संगत में पड़ जाता है, तो यह भी धन की बर्बादी और आर्थिक समस्याओं का कारण बनता है।
  • जुआ और सट्टा: जुआ और सट्टा जैसी आदतें भी आर्थिक नुकसान का बड़ा कारण हो सकती हैं।

7. धन का अपमान (Disrespect of Wealth)

  • धन का अपमान करना: धन का सही तरीके से उपयोग न करना, उसे अपमानजनक ढंग से खर्च करना, या जरूरत से ज्यादा फिजूलखर्ची करना भी आर्थिक तंगी को आमंत्रित करता है।
  • लक्ष्मी का अनादर: धन को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। यदि घर में धन या सोने-चांदी का अनादर किया जाता है, तो धन की देवी रूठ जाती हैं।

8. कर्म और ग्रह दशा (Karma and Planetary Positions)

  • बुरे कर्मों का फल: कई बार पिछले जन्मों के या इस जीवन के बुरे कर्मों का परिणाम गरीबी के रूप में मिलता है।
  • ग्रह दशा: कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी आर्थिक स्थिति पर असर डालती है। अगर शनि, राहु या केतु की महादशा चल रही हो, तो कई बार आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।

इन सभी कारणों से घर में गरीबी आ सकती है, लेकिन उचित उपाय और सकारात्मक बदलाव करके इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। वास्तु नियमों का पालन करना, नियमित रूप से दान-पुण्य करना, और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना आर्थिक समृद्धि के द्वार खोल सकता है।

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